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Bihar Board Class 10 History Chapter 7 Vyapar Aur Bhumandalikaran – व्यापार और भूमंडलीकारण Subjective
पाठ 7 : व्यापार और भूमंडलीकरण
प्रश्न 1.
विश्व बाजार किसे कहते हैं ?
उत्तर – विश्व बाजार वैसा बाजार को कहते हैं ! जहां प्रत्येक देश की वस्तु आम आदमी की खरीद बिक्री के लिए उपलब्ध रहता है |
प्रश्न 2.
औद्योगिक क्रांति क्या है ?
उत्तर – औधोगिक क्रांति वैसा क्रांति है ! जिससे कल करखानों के क्षेत्र में तीव्र उत्पादन प्रारंभ होता है |
प्रश्न 3.
आर्थिक संकट से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – आर्थिक संकट ऐसा संकट है जिसका प्रभाव अर्थव्यवस्था के विकास को प्रभावित करता है ! जिसमें वस्तु का मूल्य बढ़ता है ! तथा मुद्रा का मूल्य घट जाता है |
प्रश्न 4.
भूमंडलीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर – भूमंडलीकरण एक ऐसा प्रक्रिया है ! जिसमें विश्व के सभी देश राजनीतिक सामाजिक आर्थिक वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक रूप से जुड़े रहते हैं |
प्रश्न 5.
ब्रिटेन वुड्स सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर – ब्रिटेन वुड्स सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक की स्थापना करना था ! जिससे आर्थिक संकट दूर किया जा सके |
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प्रश्न 6. बहुराष्ट्रीय कंपनी किसे कहते हैं ?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनी ऐसी कंपनी होती है ! जिसका मुख्यालय किसी एक देश में तथा इनकी इकाइयां अनेक देश में स्थापित होता है |
प्रश्न 7.
1929 के आर्थिक संकट के कारणों एवं परिणामों का उल्लेख करें ?
उत्तर – 1929 के आर्थिक संकट के कारण परिणामों का वर्णन इस प्रकार से है –
क. कृषि में अति उत्पादन :- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ही कृषि प्रधान देशों ने अनाज की मांग को देखते हुए ! उत्पादन में तीव्र वृद्धि कर दी किंतु युद्ध समाप्ति के बाद उनकी अनाजों को लेने वाला कोई नहीं मिला ! जो मंदी का प्रमुख कारण बना |
ख. उद्योग मैं तीव्र उत्पादन :- प्रथम विश्व युद्ध में शामिल देशों को बम बारूद भोजन दावा कपड़े इत्यादि उपलब्ध कराने के लिए उद्योग में तीव्र उत्पादन जारी हुआ ! किंतु युद्ध समाप्ति के बाद इन वस्तुओं की मांग घट गई जो मंदी का कारण बना |
ग. अमेरिका द्वारा अत्याधिक कर्ज देना :- प्रथम विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका इंग्लैंड फ्रांस जैसे देशों को कर्ज दे दिया ! लेकिन उसकी स्थिति स्वयं खराब हो गई जो मंदी का कारण बना |
घ. मंदी का परिणाम | संरक्षणवाद की नीति :- अमेरिका अपनी अर्थव्यवस्था को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए संरक्षणवाद की नई नीति अपना लिया ! क्योंकि उसके 4000 बैंक और 110000 कंपनियां बर्बाद हो गई थी |
ङ. जर्मनी में हिटलर का उदय :- आर्थिक मंदी ने जर्मनी को इतना बर्बाद किया ! कि उसका फल एक तानाशाह के रूप में हिटलर का उदय हुआ क्योंकि जर्मनी की 1 लाख 60 हजार जानता बेरोजगार हो गई थी |
च. इंग्लैंड की नाजुक स्थिति :- विश्वव्यापी आर्थिक मंदी के परिणाम स्वरुप इंग्लैंड में भी 3 लाख 50 हजार लोग बेरोजगार हो गए |
प्रश्न 8.
औधोगिक क्रांति ने किस प्रकार विश्व बाजार के स्वरूप को विस्तृत किया ?
उत्तर – औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कल कारखानों के क्षेत्र में इतना उत्पादन बढ़ा की तैयार वस्तुओं को बेचने के लिए बाजार तथा उद्योग को चलाने के लिए कच्चा माल की जरूरत पड़ी ! फलत: व्यापार का विकास होगा व्यापार के क्रम में ही वस्तुओं का कोई देशों में आयात निर्यात हुई ! जिससे विश्व बाजार का स्वरूप काफी विस्तार ले लिया |
प्रश्न 9.
विश्व बाजार के स्वरूपों को समझाए ?
उत्तर – विश्व बाजार के स्वरूपों के संबंध में ऐसा माना जाता है ! कि यह प्राचीन और आधुनिक दोनों कालों का मिश्रण है ! क्योंकि सिकंदर द्वारा सबसे पहले तीसरी सदी में अलेक्जेंड्रिया नामों के बीच बाजार का निर्माण किया गया था ! वहीं औद्योगिक क्रांति के बाद इसका स्वरूप और विस्तृत हो गया ! जैसे-जैसे मशीनों के द्वारा वस्तुओं का निर्माण जारी हुआ वैसे वैसे विश्व बाजार का स्वरूप फैलाता गया |
प्रश्न 10.
भूमंडलीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के योगदान को स्पष्ट करें ?
उत्तर – भूमंडलीकरण के माध्यम से दुनिया के देश आर्थिक सामाजिक राजनीतिक वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक दूसरे के साथ जोड़े जाते हैं ! जिनमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों का योगदान काफी महत्वपूर्ण हो जाता है ! क्योंकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों की इकाइयां अनेक देशों में स्थापित होते हैं ! जिससे वे विभिन्न देशों की राजनीतिक आर्थिक सामाजिक वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक रूप से जुड़ा देता है |
BSEB History Class 10 Chapter 7 vyapar aur bhumandalikaran notes
प्रश्न 11.
1950 के बाद विश्व अर्थव्यवस्था के पूर्ण निर्माण के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर प्रकाश डालें ?
उत्तर – 1950 के बाद विश्व की अर्थव्यवस्था को पूर्ण निर्माण करने के उद्देश्य से सबसे पहले 1945 की लालता सम्मेलन के अधीन संयुक्त राष्ट्र संघ नाम से अंतरराष्ट्रीय संस्था बनाई गई ! तथा ब्रिटेन वुड्स सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक नाम से संस्थाएं एक बार गठित की गई सभी संस्थाएं 1950 के दशक के बाद वास्तविक रूप से कार्य करने लगी ! जिसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व की अर्थव्यवस्था को पुनः सुधारना था |
प्रश्न 12.
भूमंडलीकरण के भारत पर प्रभाव को स्पष्ट करें ?
उत्तर – भूमंडलीकरण का भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है ! क्योंकि भूमंडलीकरण की वास्तविक शुरुआत 1991 में ही हुई ! ठीक उसी बर्ष भारत द्वारा वैश्वीकरण को अपनाया गया फलतः भूमंडलीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को राजनीतिक आर्थिक सामाजिक वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक दृष्टिकोण से दुनिया के अन्य देशों के साथ जोड़ दिया ! जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में गति आ गई विश्व |
प्रश्न 13.
विश्व बाजार के लाभ हानि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ?
उत्तर – विश्व बाजार से होने वाले लाभ और हानि का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
क. विश्व बाजार के लाभ :- विश्व बाजार में सबसे पहले आम उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया ! आज हम घर बैठे विश्व के विभिन्न देशों की वस्तुओं की जितनी आसानी से उपयोग कर रहे हैं ! वह विश्व बाजार का ही देन है |
ख. विश्व बाजार से हानि :- विश्व बाजार ने शक्तिशाली देशों को वर्क उपनिवेश स्थापित करने का मौका दे दिया ! शक्तिशाली देश बाजार और कच्चे माल की तलाश में व्यापार के माध्यम से कमजोर देशों में अपना उपनिवेश स्थापित कर लिए |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 14.
1945 से 1960 के बीच विश्व स्तर पर विकसित होने वाले आर्थिक संबंधी पर प्रकाश डालें ?
उत्तर – 1945 से 1960 के बीच विश्व स्तर पर विकसित होने वाले आर्थिक संबंधों को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है ! प्रथम क्षेत्र के रूप में दिखाई देता है ! कि वह 1945 के बाद विश्व ही दो भागों में बट गया सबसे पहले रूस समाजवादी विचारधारा का प्रचार कर राज्य सामाजिक अर्थव्यवस्था का प्रसार करने लगा रूस के बढ़ते हुए प्रभाव को देखकर अमेरिका पूंजीवादी विचारधारा का प्रचार शुरू किया ! जिसका उद्देश्य समर्थित अर्थव्यवस्था को विकसित करना था ! अमेरिका और रूस के बीच पूंजीवाद और साम्यवाद को लेकर इतनी प्रतियोगिता बढ़ गई ! कि इसका प्रभाव तीसरे क्षेत्र के रूप में नए स्वतंत्र राष्ट्र के ऊपर दिखाई देने लगा जो देश 1945 के बाद स्वतंत्र होने लगे उनके ऊपर अमेरिका और रूस अपना प्रभाव स्थापित करना चाहते थे ! और भारत जैसे कुछ देशों निर्णायक अलग संबंध ही विकसित कर लिया |
प्रश्न 15.
भूमंडलीकरण के कारण आम लोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें ?
उत्तर – भूमंडलीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है ! जिसमें विश्व के सभी देश राजनीतिक आर्थिक सामाजिक वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक रूप से आपस में जुड़ जाते हैं ! फलतः भूमंडलीकरण आम लोगों के जीवन की रूपरेखा ही बदल दिया ! आज हम सभी जिस युग में जीवन यापन कर रहे हैं ! यह भूमंडलीकरण का युग है जिसने आम लोगों के लिए बाजार में हुए सभी वस्तुएं उपलब्ध करा दी जिन का उत्पादन विभिन्न देशों में होता है ! भूमंडलीकरण के परिणाम स्वरूप ही हम घर बैठे इंटरनेशनल वस्तुओं का उपयोग कर रहे हैं ! दूसरी तरफ विश्व की विशाल जनसंख्या को रोजगार और भोजन भूमंडलीकरण की देन है रोजगार के लिए नए-नए बाजार खुले हैं ! कि व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में काम करके जीवन यापन कर सकता है |
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प्रश्न 16.
1919 से 1945 के बीच विकसित होने वाले राजनीतिक और आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डालें ?
उत्तर – 1919 से 1945 की बीच की अवधि प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति से लेकर द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्ति के बीच की अवधि है ! 1919 में प्रथम विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद विजेता राष्ट्रों के द्वारा दुनिया में एक नई राजनीतिक और आर्थिक संबंध स्थापित करने का प्रयास किया गया ! जिसके लिए सबसे पहले राष्ट्र संघ की स्थापना की गई ! जिसको पूरे विश्व का राजनीतिक तथा आर्थिक क्षेत्रों में स्थापित करने का अधिकार दिया गया ! अमेरिका द्वारा अपने सहयोगी देशों को कर्ज उपलब्ध कराई गई ! वहीं जर्मनी और इटली जैसे देशों को आर्थिक रूप से कमजोर बना दिया गया विश्वव्यापी आर्थिक मंदी आने के फलस्वरूप एक तरफ अमेरिका की स्थिति समय खराब हो गई ! तो दूसरी तरफ हिटलर जैसे तानाशाह का भी उदय हुआ जिसके कारण ही दुनिया दो भागों में बैठ गई ! और द्वितीय विश्वयुद्ध बिल्कुल अनिवार्य हो गया |
प्रश्न 17.
दो महायुद्धों के बीच और 1945 के बाद औपनिवेशिक देशों में होनेवाले राष्ट्रीय आन्दोलनों पर एक निबंध लिखें ?
उत्तर – प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच कुछ ऐसे देश थे ! जो उपनिवेश नीति के शिकार थे ! उन देशों में राष्ट्रीय आंदोलन देखने को मिला जैसे कि भारत में ही वास्तविक रूप से राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत प्रथम विश्वयुद्ध के बाद ही हुआ ! जब अंग्रेज द्वारा भारतीयों के साथ विश्वासघात किया गया ! तब प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत जो आंदोलन की शुरुआत की गई ! वह द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक चला ! जिसके परिणाम स्वरूप इंग्लैंड को भारत से अपनी उपनिवेश शासन समाप्त करना पड़ा ! ठीक वैसे ही श्रीलंका तथा दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में भी प्रथम विश्व युद्ध के बाद से लेकर दुसरे विश्व युद्ध के अंत तक राष्ट्रीय आंदोलन जारी रहा ! और उन देशों को भी उपनिवेश शासन से मुक्ति मिल गई |
Class 10th History Subjective Notes – इतिहास | |
पाठ – 1 | यूरोप में राष्ट्रवाद |
पाठ – 2 | समाजवाद एवं साम्यवाद |
पाठ – 3 | हिन्द-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन |
पाठ – 4 | भारत में राष्ट्रवाद |
पाठ – 5 | अर्थव्यवस्था और आजीविका |
पाठ – 6 | शहरीकरण एवं शहरी जीवन |
पाठ – 7 | व्यापार और भूमंडलीकरण |
पाठ – 8 | प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद |