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Bihar Board Class 12 Hindi Chapter 8 sipahi ki maa – सिपाही कि माँ Subjective
पाठ – 8 : Sipahi Ki Maa Notes In Hindi
शीर्षक : सिपाही की माँ
लेखक : मोहन राकेश
जन्म : 8 जनवरी 1925
मुत्यु : 3 दिसम्बर 1972
निवास स्थान : जंडी वाली गली अमृतसर पंजाब
1. मानक और सिपाही एक दूसरे को क्यों मारना चाहते थे ?
उत्तर – मानक बर्मा की लड़ाई में भारत की ओर से अंग्रेजों के साथ लड़ने गया था ! दूसरी ओर की पक्ष जपानी थी ! अतः सेना एक दूसरे की दुश्मन थी ! इसलिए मानक और सिपाही एक दूसरे को मारना चाहते थे |
2. बिशनी मानक को लड़ाई में क्यों भेजती है ?
उत्तर – बिशनी एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार की महिला है ! उसे अपनी मुन्नी की शादी के लिए पैसे की जरूरत है ! इसलिए मानव को पैसे कमाने के उद्देश्य से लड़ाई में भेजती है |
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3. बिशनी और मुन्नी को किसकी प्रतीक्षा ‘है’ वे डाकियो की राह क्यों देखती है ?
उत्तर – बिशनी को अपने सिपाही पुत्र की प्रतीक्षा है ! वे डाकियो की राह चिठ्ठी आने को देखती है ! क्योकि उसने पिछले चिठ्ठी में लिखा था ! की वे वर्मा के लड़ाई पर जा रहा है ! माँ और बेटी किसी अनिष्ट की संका के कारण चिठ्ठी का इंतजार करती है |
4. रात में बिशनी सपना क्या देखती है ?
उत्तर – रात में बिशनी भयानक सपना देखती है ! कुछ दुरी पर गोली चलाने की आवाज सुनाई पड़ती है ! और कई व्यक्तियों के बोलने की आवाज आती है ! थोड़े ही देर के बाद घायल व्यक्ति की आवाज सुनाई पड़ती है ! बिशनी फौजी लिवास पहने एक घायल युवक को देखती है ! और वह कोइ नहीं बल्कि उसका बेटा मानक है ! बिशनी मानक का सर गोदी में लेकर उस पर झुक जाती है ! मानक कठिनता से सर उठाता है |
5. बिशनी मानक की माँ ‘है’ पर उसमे किसी भी सिपाही की माँ को ढूंढा जा सकता है ?
उत्तर – एकाकी के दुसरे भाग में बिशनी के स्वपन में जो घटना घटती है ! उसमे जो संवाद होता है ! उस संवाद से उसमे किसी भी सिपाही की माँ को ढूंढा जा सकता है ! जब सिपाही मानक को खदेड़ते हुए बिशनी के पास ले आता है ! तो मानक बिशनी के गले से लिपट जाता है ! और सिपाही के पूछने पर की इसकी तू क्या लगती है ! बिशनी जबाब आता है ! मै इसकी माँ हूँ तुझे मारने नहीं दूंगी ! तब सिपाही का जबाब आता है ! यह हजारो का दुश्मन है ! वे उसको खोज रहे है |
तब बिशनी कहती है ! तू भी तो आदमी है ! तेरा भी घर बार होगा तेरी भी माँ होगी तू माँ के दिल को नहीं समझता है ! अपने बच्चो को अच्छी तरह से जानती है ! साथ ही जब मानक का पलटवार सिपाही पर होता है ! तब बिशनी मानक को यह कहती है ! की बेटा तू इसे नहीं मारेगा तुझे तेरी माँ की सौगंध है ! इन बातो से पता चलता है ! की बिशनी मानक को जितना बाचना चाहती है ! उतना सिपाही को भी बचाना चाहती है ! उसका दिल दोनों के लिए एक है ! अतः उसमे किसी भी सिपाही की माँ को ढूंढा जा सकता है |
6. मुन्नी के विवाह की चिंता ना होता तो मानक लड़ाई पर न जाता और उसकी यह दसा ना होती यह चिंता किसी लड़ाई से कम नहीं ‘है’ क्या आप इस कथन से सहमत ‘है’ अपने पक्ष उत्तर दे ?
उत्तर – निम्न मध्य वर्गीय व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी उसकी समस्या आर्थिक समस्या होती है ! वह मुन्नी के विवाह की चिन्ता के कारण है ! युद्ध पर जाता है ! मुन्नी की शादी की चिंता सता रही है ! जिस समाज में बिना दहेज के शादी न हो वह समाज कलंकित समाज है ! हमे उस समाज से लड़ाई लडनी चाहिए ! इस सड़े हुए समाज को बदलने के लिए युद्ध के समान ही लड़ाई लड़ना चाहिए तब जाकर इसका निदान होगा इसलिए विवाह की चिंता लड़ाई से कम नहीं है |
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7. भैया मेरे लिए जो कड़े लाएंगे वह बेती और तारो के कड़ो से भी अच्छे होंगे ! मुन्नी के इस कथन को ध्यान में रखते हुए उसका परिचय अपने शब्द में लिखिए ?
उत्तर – मुन्नी सिपाही मानक की बहन और बिशनी की पुत्री है ! उसकी उम्र इस लायक हो चुकी है ! की शादी की जा सके वह एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखती है ! उसके सारे सपने उसके भाई सिपाही मानक के साथ जुड़े हुए है ! वे गाँव के लडकियों को कड़े पहने देखकर अपनी माँ से कहती है ! की भैया मेरे लिए जो कड़े लायेंगे वह तारो और बेतों के कड़े से अच्छे होंगे ! मुन्नी अपने भाई से बहुत प्रेम करती है ! अपने भाई के लड़ाई मे जाने के बाद मानक का चिठ्ठी का इंतजार बड़ी बेसबरी से करती है ! और मन से तरह तरह के प्रश्न करती है ! क्योकि उसके सारे सपने और अरमान उसके भाई मानक के साथ जुड़े है |
8. सिपाही की माँ शीर्षक पाठ से क्या समझते ‘है’ बताइए ?
उत्तर – सिपाही की माँ शीर्षक एकांकी मोहन राकेश द्वारा लिखित अंडे के छिलके तथा अन्य एकांकी से ली गई है ! मोहन राकेश की इस मार्मिक रचना में निम्न माध्यम वर्ग की एक इसाई माँ बेटी की कथा वस्तु प्रस्तुत है ! जिनके घर का एकलौता लड़का सिपाही के रूप में द्रितीय विश्व युद्ध के मोर्चे पर वर्मा में लड़ने गया है ! वह अपने माँ का एकलौता पुत्र और विवाह के लिए तैयार अपने बहन का एकलौता भाई है |
9. मोहन राकेश एकांकी सिपाही की माँ की सरांश अपने शब्दों में लिखिए ?
उत्तर – मोहन राकेश की प्रस्तुत एकांकी मार्मिक रचना में निम्न मध्यवर्गीय एक ऐसी माँ बेटी की कथा प्रस्तुत है ! जिनका घर का एक लौता लड़का सिपाही के रूप में द्रितीय विश्व युद्ध के मोर्चे पर वर्मा में लड़ने गया है ! वह अपनी माँ का एक लौता बेटा और विवाह के लिए अपनी बहन का एकलौता भाई है ! उसी पर पुरे घर की आशा टिकी हुई है ! लड़ाई के मोर्चे से कमाकर लौटे तो बहन के हाथ पीले हो संकेंगे ! माँ एक देहाती स्त्री है ! वह ये भी नहीं जानती की वर्मा उसके गाँव से कितनी दूर है ! और लड़ाई कैसी किनसे और किसके लिए हो रही है ! उसका अंजाम कैसा हो सकता है |
सिपाही की माँ प्रश्न उत्तर
बिशनी मोहन राकेश द्वारा लिखित सिपाही की माँ शीर्षक एकांकी के शीर्षक से ही यह स्पष्ट होता है ! की बिशनी केवल मानक की मन ही नहीं बलकी वह किसी भी सिपाही की माँ है ! सिपाही की माँ का गुण तब दिखाई पड़ता है ! जब वह स्वपन में सिपाही बेटे मानक और दुश्मन सिपाही में लड़ते हुए देखकर विचलित नहीं होती है ! बल्कि वह हर हाल में अपने बेटे मानक को दुश्मन सिपाही से बचाती है ! जब उसी का सिपाही बेटा दुश्मन सिपाही को मारना चाहता है ! तो यह कार्य भी उसे कतही पसंद नहीं है ! वह दृढ़ता पूर्वक अपने बेटे मानक को दुश्मन सिपाही को मारने से रोकती है |
वह मानक से कहती है ! की वह भी हमारी तरह गरीब आदमी है ! इसकी माँ इसके पीछे रो-रो कर पागल हो गई है ! इसके घर में बच्चा होने वाला है ! वह मर गया तो उसकी बीबी फांसी लगाकर मर जाएगी ! यहाँ बिशनी का चरित्र सबकी माँ के रूप में पाठक के सामने आया है 〈 वह केवल मानक की माँ नहीं वह सबकी माँ है ! वह किसी के बेटे को मरते देखना नहीं चाहती है ! वह सही अर्थ में एक माँ है ! इसलिए यह कथन उचित है ! की बिशनी के मातृत्व में किस भी सिपाही की माँ को ढूंढा जा सकता है |
10. नहीं फौजी बहन लड़ने के लिए ‘है’ वे नहीं भाग सकते जो फौज छोड़कर भागता ‘है” उसे गोली मर दी जाती ‘है’ सप्रसंग व्यख्या करे ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियों मोहन राकेश द्वारा लिखित सिपाही की माँ शीर्षक एकांकी से लिया गया है ! मानक की प्रतीक्षा में बिशनी और मुन्नी पड़ोसन कुंती से बातचीत कर रही है ! इसी बिच दो नवजवान लडकिय भिक्षा मांगने बिशनी के समक्ष आ जाती है ! बातचीत के क्रम में मालुम होता है ! की दोनों लडकीया वर्मा में होने वाली लड़ाई से जान बचाकर भाग आई है ! वर्मा में अंग्रेजी और जपानी सेना के बिच युद्ध चल रहा है !
मानक भी वर्मा की लड़ाई में एक फौज है ! तर्क वितर्क के प्रसंग में वर्मा से कोई फौजी भागकर बही आ सकता है ! और कहती है ! वही फौजी वहाँ लड़ने के लिए है ! वे नहीं भाग सकते जो फौज छोड़कर भागता उसे गोली मर दी जाती है | प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक नए सेना के नियमो एवं सेना से भागने पर फौजीयो के साथ व्यहार पर चर्चा की है ! लेखक का कहाना है ! की एक सही फौजी युद्ध से भागता भी नहीं और उसके भागने का परिणाम भी बड़ा बुरा होता है |
Class 12th Hindi 100 Marks Subjective Notes गद्य खण्ड | |
पाठ – 1 | बातचीत |
पाठ – 2 | उसने कहाँ था |
पाठ – 3 | सम्पूर्ण क्रांति |
पाठ – 4 | अर्धनारीश्वर |
पाठ – 5 | रोज |
पाठ – 6 | एक लेख और एक पत्र |
पाठ – 7 | ओ सदानीरा |
पाठ – 8 | सिपाही की माँ |
पाठ – 9 | प्रगीत और समाज |
पाठ – 10 | जूठन |
पाठ – 11 | हँसते हुए मेरा अकेलापन |
पाठ – 12 | तिरिछ |
पाठ – 13 | शिक्षा |
Class 12th Hindi Subjective Notes पद्य खण्ड | |
पाठ – 1 | कड़बक |
पाठ – 2 | सूरदास के पद |
पाठ – 3 | तुलसीदास के पद |
पाठ – 4 | छप्पय |