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Bihar Board Class 6 Hindi (Kislay) Chapter 7 Pita Ka Patra Putra Ke Naam – पिता का पत्र पुत्र के नाम Question Answer
पाठ – 7 : पिता का पत्र पुत्र के नाम नोट्स
1. गाँधी जी ने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को क्या क्या शिक्षाएँ दी हैं ?
उत्तर – गाँधी जी ने अपने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को यही शिक्षा दिया की पुत्र अपने आहार पर अधिक ध्यान देना ! और किताबी ज्ञान के साथ – साथ चरित्र निर्माण और कर्तव्य का बोध हमेशा करना ! और अपने कर्तव्य का हमेशा पालन करना ! अक्षर ज्ञान के साथ – साथ परमात्मा का ज्ञान भी अर्जित करना ! और गांधी जी कहते है ! की मेरे पुत्र अमीरी से ज्यादा गरीबी में जीना सीखना ! क्योकि गरीबी में जीना अमीरी में जीने से ज्यादा सुखद होता है ! और गाँधी जी अपने पुत्र से यह भी काटे है ! की तुम अधिक ध्यान गणित और संस्कृत में देना ! और तो और अपने किसी भी कार्य को निर्धारित समय से पहले उसे पूर्ण कर लेना ! इस प्रकार से गाँधी जी अपने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को समझाया है |
2. गाँधी जी ने असली शिक्षा किसे माना है’ उल्लेख कीजिए ?
उत्तर – गाँधी जी के अनुसार असली शिक्षा कर्तव्य बोध तथा चरित्र निर्माण को बताया है | क्योकि सिर्फ किताबी ज्ञान ही मात्र एक ज्ञान नहीं है ! बल्कि चरित्र निर्माण और कर्तव्य का भान होना भी एक प्रकार का ज्ञान ही है ! गाँधी जी कहते है ! की किसी भी व्यक्ति को समय का दूर उपयोग नहीं करना चाहिए ! क्योकि चरित्रहिन् विद्वान कभी भी सम्मान के योग्य नही होते है ! इसलिए गाँधी जी कहते है ! की बिना कर्तव्य ज्ञान के संसार रूपी सागर को पार नहीं किया जा सकता है ! इसलिए हर एक मनुष्य को किताबी ज्ञान के अलावा कर्तव्य ज्ञान और चरित्र निर्माण का ज्ञान भी प्राप्त करना आवश्यक होता है |
Pita Ka Patra Putra Ke Naam Notes In Hindi
3. गाँधी जी के पत्र के माध्यम से किन तीन बातों को महत्वपूर्ण माना गया है ?
उत्तर – गाँधी जी के पत्र के माध्यम से निम्नलिखित तीन बातों को महत्वपूर्ण माना गया है, जो इस प्रकार से है –
- शब्द ज्ञान के अतिरिक्त आत्मा स्वयं एवं ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करना ।
- गरीबी में जीना अमीरी में जीने से सुखद है ।
- कृषि कार्य भी करना चाहिए।
4. ‘बा’ उपनाम से किन्हें जाना जाता है ?
उत्तर – बा के उपनाम से गाँधी जी की पत्नी श्री मति कस्तुरबा गाँधी को जाना जाता है | गाँधी
5. गाँधी जी ने अपने जिस पुत्र को पत्र लिखा उसका नाम था ?
क. मणिलाल गाँधी
ख. मोहनदास गाँधी
ग. रामदास गाँधी
घ. देवदास गाँधी
Answer – मणिलाल गाँधी
Bseb Class 6 Hindi (Kislay) Pita Ka Patra Putra Ke Naam
6. गाँधीजी ने यह पत्र कहाँ से लिखा था ?
क. तिहार जेल से
ख. प्रिटोरिया जेल से
ग. पटना जेल से
घ. लखनऊ जेल से
Answer – प्रिटोरिया जेल से
7. गाँधीजी ने यह पत्र कब लिखा.?
क. 25 मार्च, 1900
ख. 25 मार्च, 1929
ग. 25 मार्च, 1909
घ. 25 मार्च, 1919
Answer – 25 मार्च, 1909
पिता का पत्र पुत्र के नाम पाठ के प्रश्न उत्तर
8. क्या हमें पत्र लिखना चाहिए’ हाँ तो क्यों’ नहीं तो क्यों ?
उत्तर – हाँ हमें पत्र लिखना चाहिए ! क्योकि कुछ दिल की ऐसी बाते होती है ! जिसको हम किसी से कह नहीं पाते है ! उन सभी बातो को हम पत्र लिखकर उस व्यक्ति तक पहुंचा सकते है ! अपने दिल की बातो को अच्छे ढंग से बता सकते है ! अपने भाव अपने प्रेम को पत्र के जरिये समझा सकते है ! क्योकि पुराने समय में आदमी अपनी बातो को किसी के पास पहुचने के लिए पत्र का ही सहारा लेते थे | इसलिए हाँ हमें पत्र लिखना चाहिए |
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