पाठ – 5 नागरी लिपि (Nagari Lipi)
लेखक – गुनाकर मुले
जन्म – 1935
मृत्यु – 2009
1. देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता कैसे आई है ?
उत्तर – करीब 200 वर्ष पहले पहली बार देवनागरी लिपि के टाइप बने और उसमे पुस्तके छपने लगी | इसलिए इसके अक्षरों में स्थिरता आ गई
2. देवनागरी लिपि में कौन – कौन सी भाषाएँ लिखी जाती है ?
उत्तर – देवनागरी लिपि में संस्कृत , हिंदी , नेपाली , मराठी , बंगाली आदि भाषाएँ लिखी जाती है |
3. लेखक नए किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है ?
उत्तर – लेखक नए तमिल मलयालम तेलगु कनाडा और ब्राह्मी आदि ! भारतीय लिपियों से देवनागरी लिपि का संबंध बताया है |
Bihar Board Class 10 Hindi नागरी लिपि
4. देवनागरी किसे कहते है ? किस प्रसंग में लेखक नए उसका उल्लेख किया है ?
उत्तर – विजय नगर के राजाओं के लेखो की लिपि को नंदी नागरी लिपि कहते है ! लेखक नए देव नागरी लिपि की उत्त्पति के प्रसंग में नंदी नागरी का उल्लेख किया है |
5. नागरी लिपि के आरंभिक लेखकहाँ से प्राप्त हुए उसका विवरण दे ?
उत्तर – नगरी लिपि के आरंभिक लेख दक्षिण भारत से ही प्राप्त हुए ! कोकण के शिलाहर मान्यखेत के राष्ट्रकूट देवगिरी के यादव तथा विजयनगर के शासको के लेख भी नागरी लिपि में ही प्राप्त होते है |
6. ब्राह्मी और सिन्धु लिपि की तुलना में नागरी लिपि के मुख्य परिचय क्या है ?
उत्तर – ब्राह्मी और सिन्धु लिपि की तुलना में नागरी लिपि के मुख्य पहचान यही है ! की इसकी अक्षरों के सिरों पर पूरी लकीरे बन जाती है ! और इस सिरों के रेखाएँ उतनी ही लम्बी होती है ! जितने की अक्षरों की चौड़ाई होती है |
Nagri Lipi Class 10th Hindi Bihar Board
7. भारत में किन शासको के प्राचीन नागरी लेख प्राप्त होते है ?
उत्तर – भारत में मेवाड़ के गुहिल तथा अजमेर के चौहान , कनौज के गढवाल , काठियावाड़ गुजरात के सोलंकी आबू के परमार बुंदेल खेर के चंदेल आदि शासको के लेख देवनागरी लिपि में प्राप्त होते है |
8. नागरी को देवनागरी क्यों कहते है ? लेखक इस संबंध में क्या बताता है ?
उत्तर – देवनागरी से संबंध में लेखक नए बताया है | की देवनागरी शब्द काशी से उत्पन्न हुई है ! इसलिए नागरी को देवनागरी कहा जाता है ! लेकिन दुसरे मत के अनुसार प्राचीन पाटलिपुत्र नगर के देव अर्थात चन्द्रगुप्त मौर्य द्वितीय का नगर कहाँ गया ! यह बात भी कुछ सत्य प्रतीत मालुम पड़ता है | कुछ लेखको का मत है की गुजरात को देवनागरी कहा जाता था | परन्तु कुल मिलाकर नागरी को देवनागरी का आपस में एकता नहीं है |
9. नगरी की उत्पति के संबंध में लेखक का क्या कहना है ? पटना से नागरी का क्या संबंध लेखक नए बताया है ?
उत्तर – नगरी की उत्पति के संबंध में लेखक के अनेक विचार सामने आए है | एक मत के अनुसार सबसे पहले गुजरात के नागौर ब्राह्मणों नए इस लिपि का प्रयोग किया | इसलिए इसे नागरी लिपि कहते है | एक अन्य मत के अनुसार देवनागरी लिपि काशी में पहली बार प्रयोग की गई | इसलिए इसे देवनागरी लिपि कहते है | प्राचीन ग्रंथो से पता चलता है | की प्राचीन नगर पाटलिपुत्र से इस शब्द का विशेष सम्मान है | प्राचीन नगर पाटलिपुत्र ही पटना है | इस नगर की लिपि होने के कारण इसे नागरी लिपि के नाम से जाना जाता है |
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10. नागरी लिपि कब एक सार्वदेशिक लिपि थी ?
उत्तर – नागरी लिपि ईशा के 8 वीं सदी से 18 वीं सदी तक पुरे देश में फ़ैल गई | इसलिए कहा जा सकता है | की उस समय यह एक सार्वदेशिक लिपि थी |
11. नागरी लिपि के साथ – साथ किसका जन्म होता है ? इस संबंध में लेखक क्या जानकारी देता है ?
उत्तर – नागरी लिपि के साथ – साथ अनेक प्रादेशिक भाषाओं का भी जन्म होता है | 8 वीं और 9 वीं सदी से आरंभिक हिंदी का साहित्य मिलने लगता है | हिंदी के आदि कवि शरद पाद के दोहा कोष 8 वीं सदी में ही मिली थी | जिससे पता चलता है की 8 वीं ग्यारहवीं में लिखी गई है | उस समय नागरी लिपि के साथ मराठी बंगाली आदि भाषाओं का जन्म हो रहा था |
12. गुर्जर प्रतिहार कौन थे ?
उत्तर – गुर्जर प्रतिहार भारत में बाहर से आये थे | सबसे पहले उन्होंने लगभग 8 वीं शताब्दी में अवंति प्रदेश पर शासन किया बाद में कनौज पर भी अधिकार कर लिया | इन शासको में मिहिर भोज , और महेंद्र पाल विख्यात हुए |