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Bihar Board Class 10th Science Chapter 4 Carbon Tatha Uske Yogik Subjective
पाठ – 4 : कार्बन एवं उसके यौगिक
1. कार्बन की विशेषताओ का वर्णन करे ?
उत्तर – कार्बन की निम्नांकित विशेषताएँ है,, जो इस प्रकार से है –
क. कार्बन के परमाणु अपने अन्य परमाणुओ से जुड़कर श्रृंखला बनाने की क्षमता रखते है |
ख. कार्बन ही एक ऐसा तत्व है | जो विधुत धनात्मक और विधुत ऋणात्मक दोनों ही प्रकार के तत्वों से संयोग कर यौगिक बनाता है |
ग. कार्बनिक अभिक्रियाओ में मुख्य अभिक्रिया के अतिरिक्त पाश्र्व अभिक्रियाएँ भी साथ – साथ होती है |
2. कार्बन एक सार्वभौमिक तत्व है’’ कैसे ?
उत्तर – प्रकृति में कार्बन के यौगिक व्यापक रूप में फैले है | कार्बन के कुल यौगिको की संख्या पांच लाख से भी अधिक है | कार्बन प्राणी जगत और वनस्पति जगत दोनों में विभिन्न प्रकार के यौगिक के रूप में पाया जाता है | हमारे शरीर में भी कार्बन विधमान है | इसके अतिरिक्त लकड़ी, कागज , कोयला, पेट्रोलियम , किरोसिन आदि सब में कार्बन यौगिक के रूप में उपस्थित रहते है | उपर्युक्त कारणों से कार्बन को एक सार्वभौमिक तत्व माना गया है |
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3. कार्बन अत्याधिक यौगिक की रचना क्यों करता है ?
उत्तर – कार्बन निम्नांकित कारणों से यौगिको की रचना करता है –
क. कार्बन के अनेक परमाणु सहसंयोजक बंधन द्वारा परस्पर जुड़कर एक सीधी श्रृंखला का निर्माण कर सकते है |
ख. कार्बन में जी यह विलक्षण गुण विधमान है | की वह विधुत धनात्मक एवं विधुत ऋणात्मक दोनों तरह के तत्वों से संयोग करके यौगिक की रचना कर सकता है |
ग. कार्बन के यौगिक समचव्यवता प्रदर्शित करता है | [ एमकेवी सिनेमा ]
4. कार्बनिक यौगिक के महत्व को लिखे ?
उत्तर – कार्बनिक यौगिको का महत्व हमारे दैनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है | सुबह से शाम तक जिन वस्तुओ का हम इस्तेमाल करते है | वे सभी कार्बनिक यौगिको के बने होते है | वे सभी कार्बनिक यौगिको के बने होते है | साज – श्रृंगार से लेकर शान्ति एवं शुद्ध के दिनों में भी कार्बनिक यौगिक का बहुत उपयोग होने लगा है | हमारे भोजन में कपड़ा , कागज , साबुन , लकड़ी , स्याही , दवा कीटनाशक दवाएँ , विस्फोटक पदार्थ , वायुयान , रेल , बस, ट्रक , मोटर साइकिल आदि को चलाने के लिए पेट्रोल , डीजल कार्बनिक यौगिक का उपयोग किया जाता है |
5. जैव – शक्ति के सिद्धांत को लिखे ?
उत्तर – शुरू में ऐसी धारणा थी | की कार्बनिक यौगिक केवल जैव पदार्थ में ही पाए जाते है | इस आधार पर स्वीडेन के रासायनशास्त्री बर्जीलीयस ने यह कल्पना की कार्बनिक यौगिक एक महान शक्ति के प्रभाव से बनते है | और उस शक्ति के वे नहीं बन सकते अर्थात उन्हें प्रयोगशाल में नहीं बनया जा सकता है | यह सिद्धांत जैव शक्ति के सिद्धांत के नाम से प्रसिद्ध हुआ |
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6. कार्बन के दो अपरुपो के नाम लिखे ?
उत्तर – कार्बन के दो अपरुप में हिरा, तथा ग्रेफाईट , कोयला है |
7. हिरा तथा ग्रेफाईट के गुणों को लिखे
क. हिरा के गुण :- हिरा की संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार पडोसी कार्बन परमाणुओ द्वारा सहसंयोजी बंधन बनाते है |
i. इसका अपवर्तनांक उच्च होता है |
ii. यह विधुत के कुचालक होता है |
iii. यह कभी कठोर होते है |
8. हिरा और ग्रेफाईट में अंतर स्पष्ट करे ?
उत्तर – हिरा और ग्रेफाईट में निम्नांकित अंतर है,, जो इस प्रकार से है –
हिरा
1. यह विधुत का कुचालक होता है |
2. यह अधिक कठोर होता है |
3. यह अधिक चमकीला होता है |
4. इससे आभुष्ण बनाया जाता है |
ग्रेफाईट
1. यह विधुत का सुचालक होता है |
2. यह मुलायम होता है |
3. इसमें भी चमक पाई जाती है |
4. इससे आभुष्ण नहीं बनाया जाता है |
9. अकार्बनिक यौगिक और कार्बनिक यौगिक में अंतर स्पष्ट करे ?
उत्तर – अकार्बनिक यौगिक और कार्बनिक यौगिक में निम्नलिखित अंतर है,, जो इस प्रकार से है –
अकार्बनिक यौगिक
1. अकार्बनिक यौगिक प्रायः रंगहीन होता है |
2. इसके क्वथनांक एवं गलनांक उच्चे होते है |
3. यह कठिनाई से जलते है |
4. अकार्बनिक यौगिक प्रायः जल में विलेय परंतु कार्बनिक विलायको में अविलेय होते है |
5. कार्बनिक यौगिकी की अपेक्षा यह सरल होते है |
कार्बनिक यौगिक
1. कार्बनिक यौगिक ख़ास रंग एवं गंध वाले होते है |
2. इसके क्वथनांक एवं गलनांक अकार्बनिक यौगिको की अपेक्षा कम होते है |
3. यह आसानी से जलते है |
4. कार्बनिक यौगिक कार्बनिक विलायको में विलेय परंतु जल में प्रायः अविलेय होते है |
5. कार्बनिक यौगिक प्रायः जटिल होते है |
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10. नहाने का साबुन और कपड़ा धोने के साबुन में क्या अंतर है ?
उत्तर – नहाने का साबुन और कपड़ा धोने के साबुन में निम्नलिखित अंतर है,, जो इस प्रकार से है –
नहाने का साबुन
1. यह उत्तम किस्म के तेल या वासाओ से बनाया जाता है |
2. इसमें मुक्त क्षार नहीं रहता है |
3. यह सुंगंधित होता है |
4. इसमें पूरक पदार्थ नहीं मिले रहते है |
कपड़ा धोने का साबुन
1. यह निम्न किस्म के सस्ते तेल या वासाओ से बनाया जाता है |
2. इसमें मुक्त क्षार उपस्थित रहता है |
3. इसमें अच्छा गंध नहीं होता है |
4. इसमें पूरक पदार्थ मिले रहते है |
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11. हिरा अत्याधिक कठोर क्यों होता है ?
उत्तर – हिरा की संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार पड़ोसी कार्बन परमाणुओ द्वारा जुड़कर सहसंयोजी बंधन बनाता है | हीरे के रवा कार्बन परमाणुओ का बना होता है | जो मजबूती के साथ सह संयोजी बन्धनों के जालक के रूप परस्पर बंधे रहते है | इसी कारण हिरा प्रकृतिक पदार्थो में सबसे अधिक कठोर होता है |
12. ग्रेफाईट का उपयोग मशीनों के पार्ट्स पुर्जा में शुष्क स्नेहक के रूप में क्यों किया जाता है ?
उत्तर – ग्रेफाईट काला और अपारदर्शी होता है | इसकी संरचना में कार्बन के परमाणु पष्टकोणीय जालक के द्वारा सहसंयोजी बंधन बनाते है | इन कार्बन परमाणु के दो अस्त्र पत्रों के बिच का आकर्षण बल कमजोर होता है | अतः ढीली परतदार संरचना के कारण ग्रेफाईट मुलायम होता है | इसी कारण इसका उपयोग मशीनों के पार्ट्स पुर्जा में शुष्क सबहक के रूप में किया जाता है |
13. हिरा विधुत का कुचालक तथा ग्रेफाईट विधुत का सुचालक क्यों होता है ?
उत्तर – हीरा की संरचना समचतूशफलकिटा होती है | कार्बन परमाणु के संयोजी सेल के चारो इलेक्ट्रान चार कार्बन परमाणु के एकल बंधन द्वारा जुड़े रहते है | इस कारण हीरा के रवा में चलायमान इलेक्ट्रान नहीं पाए जाते है | अतः हिरा विधुत का कुचालक होता है | जबकि ग्रेफाईट में इलेक्ट्रानो की संरचना पुष्टकोणीय जालक के रूप में होती है | और इनकी सथो का आकर्षण बल उच्च होती है | ग्रेफाईट में मुक्त इलेक्ट्रान रहते है | जो सम्पूर्ण रवा जालक में गमन कर सकते है | इसलिए ग्रेफाईट विधुत का सुचालक होता है |
14. कोयला का निर्माण कैसे हुआ’’ विभिन्न प्रकार की कोयले की किस्मो के नाम लिखे’’ तथा इसके उपयोग को भी लिखे ?
उत्तर – ऐसी मान्यता है | की आज से हजारो वर्ष पूर्व भूकंप और ज्वालामुखी के फटने के कारण जंगल पृथ्वी तल के निचे दब गई | वायु की अनुपस्थिति में उच्च ताप और दाब के कारण जंगल की लकड़िया का परिवर्तन कोयले में हो गया |
कोयले की निम्नांकित समान्य किस्मे है –
क. पिट कोयला
ख. लिग्नाईट कोयला
ग. बिटुमिनस कोयला
घ. एन्थारसाईट कोयला
Bseb Class 10th Science कार्बन एवं उसके यौगिक
कोयला का उपयोग :- कोयला का उपयोग निम्नलिखित है,, जो इस प्रकार से है –
क. ईंधन के रूप में कोयला का उपयोग किया जाता है |
ख. इंधन गैसों के निर्माण में कोयला का उपयोग किया जाता है |
ग. संश्लिस्ट पेट्रोल के उत्पादन में कोयला का उपयोग किया जाता है |
15. कोक कैसे बनता है’’ इसके उपयोग को लिखे ?
उत्तर – वायु की अनुपस्थिति में कोयले को गरम करने से इसके सभी वाष्पशील अवयव निकल जाते है | और जो अवयव बचता है | उसे कोक कहते है |
कोक के निम्नलिखित उपयोग है,, जो इस प्रकार से है –
क. धातुओ के निष्कर्षण में अवयव के रूप में कोक का उपयोग किया जाता है |
ख. ईंधन के रूप में कोक का उपयोग किया जाता है |
ग. इलेक्ट्राड बनाने में कोक का उपयोग किया जाता है |
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16. कार्बनिक यौगिक के स्रोतों का उल्लेख करे ?
उत्तर – कार्बनिक यौगिक का स्रोतों सूक्ष्मजिव , पौधा , जानवर और खनिज है |
17. अभिक्रियाशील समूह से आप क्या समझते है ?
उत्तर – किसी कार्बनिक यौगिक में उपस्थित वह समूह जिसपर यौगिक का रासायनिक गुण निर्भर करता है | उसे उस यौगिक का अभिक्रियाशील समूह कहते है |
18. संरचना सूत्र युक्ति सूत्र समजातीय श्रेणी को परिभाषित करे ?
क. संरचना सूत्र :- किसी यौगिक के अणु में परमाणुओ की सजावट दिखने वाले सूत्र को उस यौगिक का संरचना सूत्र कहते है |
जैसे :- मैथिल एल्कोहल CH3OH
ख. युक्ति सूत्र :- संरचना सूत्र का संक्षिप्त रूप युक्ति सूत्र कहलाती है |
ग. समजातीय श्रेणी :- कार्बनिक यौगिको की वह श्रेणी जिसके सभी सदस्यों में एक ही अभिक्रियाशील समूह रहता है | और जिसके किसी भी दो क्रमागत सदस्यों के आण्विक सूत्रों के बिच सदा CH2 का अंतर रहता है | उसे समजातीय श्रेणी कहते है |
19. समजातीय श्रेणी की विशेषताओं को लिखे ?
उत्तर – समजातीय श्रेणी की निम्नलिखित विशेषताएँ है,, जो इस प्रकार से है –
क. किसी समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक ही समान्य सूत्र द्वारा निरुपित किया जाता है |
ख. इस श्रेणी के किन्ही दो क्रमागत सदस्यों के आण्विक सदस्यों के बिच सदा CH2 का अंतर रहता है |
ग. इस श्रेणी के सभी सदस्यों में एक ही अभिक्रिया शील समूह उपस्थित रहता है |
घ. इस श्रेणी के सदस्यों के अणु भारो में वृद्धि के साथ इनके भौतिक गुणों में क्रमिक परिवर्तन होता है |
20. समा वयवता , प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ योग्यशील अभिक्रियाएँ तथा बहुलीकरण को परिभाषित करे ?
क. समावयवता :- वे कार्बनिक यौगिक जिनके अणु सूत्र समान होते है | लेकिन भौतिक और रासायनिक गुण भिन्न – भिन्न होते है | उसे समावायवी कहते है |तथा ऐसे घटना को समावयवता कहते है |
ख. प्रतिस्थापन अभिक्रिया :- वैसी रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमे अभिकारक के परमाणु आथवा समूह को विस्थापित कर उनका स्थान ग्रहण करते है | उसे प्रति स्थापन अभिक्रिया कहते है |
ग. बहुलीकरण :- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे किसी यौगिक के दो या दो से अधिक अणु मिलकर बड़े अणु का निर्माण करते है | उसे बहुलीकरण कहते है |
घ. योग्यशील अभिक्रिया :- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे कार्बनिक यौगिको के द्रिबंधन आथवा समूहों का योग होता है | उसे योग्यशील अभिक्रिया कहते है |
21. रबर का ब्लक्नीकरण से आप क्या समझते है ?
उत्तर – प्राकृतिक रबर आइसोप्रिन का बहुलक है | लेकिन इसको गंधक के साथ मिला कर गरम करने पर यह एक निश्चित आकार ग्रहण कर लेता है | जिसका उपयोग दास्तानों में रबर के बड़े बनाने में और नलियों के निर्माण में किया जाता है |
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22. अच्छे साबुन की विशेषता को लिखे ?
उत्तर – अच्छे साबुन की निम्नलिखित विशेषता है –
क. इसमें मुक्त क्षार उपस्थित नहीं रहता है |
ख. यह एल्कोहल में विलेय होना चाहिए
ग. इसमें नमी की उपस्थिति 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए |
घ. प्रयोग करते समय इसको चटखाना नहीं चाहिए
23. विभिन्न प्रकार के साबुनों का उल्लेख करे ?
उत्तर – विभिन्न प्रकार के साबुन निम्नांकित है –
क. कठोर साबुन :- यह सस्ते तेलों और वसाओ की अभिक्रिया सोडियम हाइड्राआक्साइड से बनाया जाता है | इसमें मुक्त क्षार उपस्थित रहता है | जिसका उपयोग कपड़ा धोने में किया जाता है |
ख. मुलायम साबुन :- यह उच्च कोटि के तेलों और सोडियम हाइड्रा आक्साइड की अभिक्रिया से बनाया जाता है | इसमें मुक्त क्षार उपस्थित नहीं रहता है | तथा इसका उपयोग नहाने के रूप में किया जाता है |
ग. पारदर्शी साबुन :- स्नान में प्रयुक्त होने वाले साधारण साबुन के एल्कोहाल में धुलाकर विलयन को गरम करके एल्कोहाल को वाष्पित कर देने के बाद बना हुआ पदार्थ जमने पर पारदर्शी साबुन बन जाता है |
घ. हजामत बनाने में साबुन :- इस साबुन को कास्टिक पोटाश से बनाया जाता है | इसमें कुछ रोजिन और गिल्ससोल मिला दिया जाता है | रोजिन मिलाने के कारण यह झाग अधिक देता है | तथा गिल्ससेल झाग को शीघ्र सुखने से रोकता है |
ङ. औषधीय साबुन :- यह नहाने के साबुन है | जिसमे कुछ औषधीय पदार्थ मिला दिए जाते है | जैसे – नीम का साबुन , डिटौल का साबुन
24. अपमार्जक से आप क्या समझते है ?
उत्तर – साबुन द्वारा कपड़ो की धुलाई में अधिक परिश्रम करना पड़ता है | तथा कठोर जल के साथ यह कठिनाई और अधिक बढ़ जाति है | इस कठिनाइयो को दूर करने के लिए रासायन या स्त्रियों ने अनेक प्रयास किए | अंत में वे साबून से भिन्न प्रकार की सफाई करने वाले पदार्थ के निर्माण में सफल हुए | इस पदार्थ को अपमार्जक या साबुन रहित कहते है |
25. तापदृढ प्लास्टिक से आप क्या समझते है ?
उत्तर – यह कठिनाई से जलते है | वैसा प्लास्टिक जिसको गरम करके मुलायम बना लेने के बाद मनोवांछित आकार में ढाल लिया जाता है | और ठंडा होने पर यह कठोर बन जाता है | वैसे प्लास्टिक को तापदृढ प्लास्टिक कहते है | बेकेलाईट से प्लास्टिक का उदाहरण है | इस प्लास्टिक का उपयोग बिजली के सामान रेडियो टेलीविजन , टेलीफोन , के रिसीवर आदि बनाने में किया जाता है |
26. नाइलोन क्या है ?
उत्तर – एडिमिक अम्ल और हेक्सा मेथिलिन डाईएमिन के अनेक अणु संयोग कर उच्च बहुलक बनाता है | जिसे नाइलोन कहते है | इसका उपयोग मछली पकड़ने की जाल बनाने , रस्सी बनाने , पैरासूट के निर्माण में टायर बनाने में वस्त्र बनाने आदि में किया जाता है |
27. एल्कोहाल से आप क्या समझते है’’ इसके गुणों को लिखे ?
उत्तर – एल्किल हैलाइड को जलीय सोडियम हाइड्रा आक्साइड के साथ गरम करने पर एल्कोहाल प्राप्त होता है |
इसके गुण –
क. साधारण एल्कोहाल द्रव होते है |
ख. यह विधुत के कुचालक होते है |
ग. एल्कोहाल सोडियम धातु से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है | तथा सोडियम एल्काआक्साइड बनता है |
घ. एल्कोहाल ज्वलनशील होते है | यह वायु या आँक्सीजन में हल्की नीली ज्वाला के साथ जलकर कार्बन डाईआक्साइड और जल बनाते है |
28. प्रयोग द्वारा आप एल्कोहाल एवं कर्बोसिलिक अम्ल में अंतर कैसे कर सकते है ?
उत्तर – प्रयोग द्वारा हम एल्कोहाल एवं कर्बोमिक अम्ल में अंतर निम्नांकित प्रकार से कर सकते है –
क. एल्कोहल का लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है | जबकि कर्बोसिलिक अम्ल नील लिटमस पत्र को लाल कर देता है |
ख. एल्कोहाल 2NA2CO3 से अभिक्रिया नहीं करती है | जबकि कर्बोसिलिक अम्ल NA2CO3 से अभिक्रिया करके कार्बन डाईआक्साइड गैस बनाती है |
29. कार्बन एवं उसके यौगिको का उपयोग अधिकतर कार्यो में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है ?
उत्तर – कार्बन एवं उसके यौगिक का उपयोग अधिकतम कार्यो में ईंधन के रूप में निम्नलिखित कारणों से होता है –
क. यह दहन के फलस्वरूप अत्याधिक उष्मा देता है |
ख. इसमें कार्बन एवं हाइड्रोजन की मात्रा अधिक होने के कारण इसका ज्वलन ताप समान होता है |
ग. इसका रख – रखाव आसान होता है |
घ. इसके दहन पर नियंत्रण संभव है |
30. आँक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन बेल्डिंग में किया जाता है’’ क्या आप बता सकते है’’ की एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?
उत्तर – एथाइन आँक्सीजन में जलकर आक्सी एसीटीलीन ज्वाला उत्पन्न करती है | जिसका ताप लगभग 3000 डिग्री C होता है | इसलिए इसका उपयोग बेल्डिंग में किया जाता है | एथाइन को वायु के साथ मिश्रण कर दहन की क्रिया कराने से एथाइन को दहन के लिए पर्याप्त आँक्सीजन नहीं मिल पाता है | क्योकि वायु में आँक्सीजन , नाइट्रोजन , कार्बन डाईआक्साइड , निष्क्रिय गैस आदि मिली रहती है | जो आँक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करती है | अतः एथाइन के दहन के लिए वायु के मिश्रण का प्रयोग नहीं किया जाता है |
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31. साबुन और अपमार्जक में अंतर स्पष्ट करे ?
उत्तर – साबुन और अपमार्जक में निम्नलिखित अंतर है –
साबुन
1. यह उच्च वसा अम्लो के सोडियम लवण है |
2. यह कठोर जल से कठिनाई से झाग देता है | तथा सफाई का कार्य ठीक से नहीं करता है |
3. यह जल में कम घुलनशील होता है |
4. इसका निर्माण वनस्पति तेलों और वसा से होता है |
5. इसमें साफ़ करने की क्षमता कम होती है |
अपमार्जक
1. यह लम्बी श्रृंखला वाले स्ल्फोनिक अम्ल के सोडियम लवण है |
2. यह कठोर जल में आसानी से झाग देता है | तथा सफाई का कार्य भी ठीक से करता है |
3. यह जल में अधिक घुलनशील होता है |
4. इसका निर्माण कोयले तथा पेट्रोलियम से होता है
5. इसमें अधिक होता है |
32. हाइड्रोकार्बन से आप क्या समझते है’’ यह कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – हाइड्रो कार्बन और कार्बन के संयोग से बने यौगिक को हाइड्रो कार्बन कहते है | हाइड्रो कार्बन निम्नलिखित प्रकार के होते है –
क. संतृप्त हाइड्रो कार्बन :- वैसे हाइड्रो कार्बन जिसमे कार्बन परमाणु की चारो संयोजकताए एकल बंधन द्वारा जुडी होती है | उसे संतृप्त हाइड्रो कार्बन कहते है |
ख. असंतृप्त हाइड्रो कार्बन :- वैसा हाइड्रो कार्बन जिसमे कार्बन परमाणु की चारो संयोजकताए हाइड्रोजन से संतृप्त नहीं रहती है | उसे असंतृप्त हाइड्रो कार्बन कहते है |
ग. एलिसाईकिल्क हाइड्रो कार्बन :- वैसा कार्बनिक यौगिक जिनके गुण संतृप्त और असंतृप्त कार्बन यौगिक के समान होते है | लेकिन उनकी संरचना ब्लय की संरचना जैसी होती है | उसे एलिसाईक्लिक हाइड्रो कार्बन कहते है |
घ. एरोमैटिक हाइड्रो कार्बन :- वैसे हाइड्रो कार्बन जिसमे कार्बन के कम से कम छः परमाणु एक बंद श्रृंखला में रहते है | और वे आपस में एकल बंधन तथा द्रिबंधन से जुड़े रहते है | उसे एरोमैटिक हाइड्रो कार्बन कहते है |
33. एल्कोहाल के उपयोग को लिखे ?
उत्तर – एल्कोहाल के निम्नलिखित उपयोग है –
क. ईंधन तथा विलायक के रूप में इसका उपयोग किया जाता है |
ख. शाराब बियर बिस्कि तथा अन्य शराब बनाने में इसका उपयोग किया जाता है |
ग. ठंठे देशो के वाहनों के रेडीएटरो में इसका उपयोग किया जाता है |
घ. मृतजीवो या पौधे के संरक्षण में इसका उपयोग किया जाता है |
ङ. तेल , इत्र , रंग पारदर्शक साबुन कृत्रिम रबर पोलीथिन विभिन्न प्रकार के दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है |
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