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Bihar Board Class 10th Hindi Hiroshima – हिरोशिमा Ka Question Answer
पाठ – 7 : हिरोशिमा
लेखक – सच्चीदानंद हीरानंद
जन्म – 7 मार्च 1911 में कसेया कुशीनगर
मुत्यु – 4 अप्रैल 1987 में
1. कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज क्या है’ वह कैसे निकलता है ?
उत्तर – कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज मानव निर्मित विनाशकारी परमाणु बम है ! जब इसे कहीं गिराया जाता है ! तो इसमें से विनाशकारी किरणे निकलती है ! और जीव जंतु तथा पेड़ पौधों को जलाकर राख बना देती है |
2. छायाएँ दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती है’ स्पष्ट करें ?
उत्तर – छायाएँ दिशाहीन सब ओर इसलिए पड़ती है ! क्योकि कि यह कोई सूरज नहीं उगता था ! सूरज के उगने पर जब प्रकाश फैलता है ! तो वह छायाएँ सूरज की विपरीत दिशा में छाया बनती है ! लेकिन यह प्रकाश मानव निर्मित बम गिराया गया था ! गिराने के बाद विस्फोट हुआ ! और सारा शहर प्रकाश में डूब गया ! जिसके कारण छाया नहीं बन पाई |
हिरोशिमा कविता के प्रश्न उत्तर
3. प्रज्वलित छन की दोपहरी से कवि का आशय क्या है ?
उत्तर – अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर दोपहर में परमाणु बम गिराया गया था ! कुछ क्षण में उदय होने वाला सूरज का प्रकाश इतिहास बना कर रख दिया ! उस समय हिरोशिमा वासी इस दुख को झेलने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिए ! लेकिन आने वाली नई पीढ़ी भी धड़कते हुए आग का शिकार बन कर रह गई थी |
4. मनुष्य की छायाएँ कहां और क्यों पड़ती है ?
उत्तर – मनुष्य की छाया हिरोशिमा पर गिराया गया परमाणु बम के कारण पड़ी हुई है ! मानव निर्मित बम ने मानव को ही तबाही के घर में ढकेल दिया ! उस समय जब हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया गया ! तब उसके तीव्र गर्मी के कारण मानव का शरीर मोम के समान गल गया |
Hiroshima Notes In Hindi Bihar Board
5. हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है ?
उत्तर – हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में पत्थर पर लिखी हुई मानव की जली हुई छाया है ! जो अमेरिका ने परमाणु बम गिरा के ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी है ! बरसों बरस बीत जाने के बाद भी आज हिरोशिमा वासी त्रासदी का दुख झेलने के लिए तत्पर है ! जोकि विदेशी साख के रूप में उपस्थित रहने वाला काला दृश्य आज भी सिहरन पैदा कर देता है |
6. व्याख्या करें
क. एक दिन साहस सूरज निकला ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठ्य के काव्यखंड में हिरोशिमा शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक सच्चिदानंद जी है ! वह इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं ! कि जब अमेरिका ने 1945 में हिरोशिमा पर परमाणु गिराया तो पूरा शहर में त्राहि-त्राहि मच गया ! लोग गर्मी और तेज प्रकाश से मोम की तरह पिघल गए ! तथा धुप की तरह आग चारो तरफ फ़ैल गई ! और चारो तरफ विनाश ही विनाश हो गया |
ख. ‘काल-सूर्य के रथ के पहियों के ज्यों अरे टूट कर ! बिखर गये हों ! दसों दिशा में’ ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठ्य के काव्यखंड में हिरोशिमा शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक सच्चिदानंद जी है ! लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं ! कि इस नगर के मध्य में रितु रूपी सूर्य का टूटा हुआ भाग था ! बम के फटते ही विनाश का पदार्थ दसो दिशा में मौत बन कर नाचने लगा |
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ग. मानव का रचा हुआ सूर्य मानव को ही भाव बनाकर सोख गया ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठ्य के काव्यखंड के हिरोशिमा शीर्षक से लिया गया है ! जिसके लेखक सच्चिदानंद जी है ! लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं ! कि मानव जीन बमों को अपना आदर्श मानता था ! वह सूर्य का प्रकाश मानव का विनाश बनकर मानव को ही मोम की तरह पिघला दिया |
7. आज के युग में इस कविता की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – प्रस्तुत कविता हिरोशिमा आज भी इतिहास में पूर्ण रूप से सम्मिलित है ! क्योंकि आज भी सारा विश्व मानवीय सस्त्रो के निर्माण में जुटा हुआ है ! आज भी सारा विश्व नए – नए विनाशकारी शास्त्रों का निर्माण तेजी से कर रहा है ! आगे इस पर मानव आज भी रुकावट नहीं डालेगा ! तो इन सस्त्रो से सदा के लिए मनुष्य का नामोनिशान समाप्त हो जाएगा |
Class 10 Hindi Objective Notes – Exam 2024 | |
1. | श्रम विभाजन और जाति प्रथा |
2. | विष के दांत |
3. | भारत से हम क्या सीखें |
4. | नाखून क्यों बढ़ते हैं |
5. | नागरी लिपि |
6. | बहादुर |
7. | परंपरा का मूल्यांकन |
8. | जित-जित मैं निरखत हूँ |
9. | आविन्यो |
10. | मछली |
11. | नौबतखाने में इबादत |
12. | शिक्षा और संस्कृति |