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Bihar Board Class 9th Science बल तथा गति के नियम Subjective
पाठ – 9 बल तथा गति के नियम
1. बल क्या है ?
उत्तर – बल वह भौतिक कारण है,, जो किसी वस्तु पर लगकर उसके स्थान और आकृति को बदल देता है,, या बदलने की चेष्टा करता है | उसे हम बल कहते है | बल का S.I मात्रक न्यूटन होता है,, तथा C.G.S मात्रक डाइन होता है |
2. बल के प्रभावों को लिखे ?
उत्तर – बल के निम्नलिखित प्रभाव है,, जो इस प्रकार से है –
क. बल किसी वस्तु को गति में ला जा सकता है |
ख. बल किसी वास्तु को बिराम में ला जा सकता है |
ग. बल किसी वस्तु के दिशा को बदल सकता है |
घ. बल किसी वास्तु के आकृति को बदल सकता है |
ङ. बल किसी वस्तु में त्वरण उत्पन्न कर सकता है |
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3. बल एक सदिश राशि है,, कैसे ?
उत्तर – बल के पास परिमाण और दिशा दोनों होता है,, इसलिए बल एक सदिश राशि है |
4. बल कितने प्रकार के होते है,, वर्णन करे ?
उत्तर – बल दो प्रकार के होते है,, जो इस प्रकार से है –
क. स्पर्श बल :- स्पर्श बल एक ऐसा बल है,, जो किसी वस्तु को छूकर बल आरोपित किया जाता है,, उसे स्पर्श बल कहते है | जैसे :- पेशीय बल तथा घर्षण बल
ख. दुरी प्रक्रिया बल :- वह बल जो किसी वस्तु को स्पर्श किये बिना ही उस वस्तु पर आरोपित होती है,, उसे दुरी प्रक्रिया बल कहते है | जैसे :- बिधुत बल, चुम्बकीय बल अदि
5. पेशीय बल किसे कहते है ?
उत्तर – पेशीय बल एक ऐसा बल है,, जो किसी वस्तु पर पेशियों द्वारा आरोपित किया जाता है | जैसे :- हाथ से किसी वस्तु को खीचना या ढकेलना , च्पाकल चलाना
6. घर्षण बल किसे कहते है ?
उत्तर – घर्षण बल एक ऐसा बल है,, जो दो सतहों के बिच रगड़ने से उत्पन्न होता है,, उसे घर्षण बल कहते है | जैसे – जमीन पर चलना, कांटी ठोकना
7. विधुत बल किसे कहते है ?
उत्तर – विधुत आवेशो के बिच क्रियाशील बल को विधुत बल कहते है | जैसे – प्लास्टिक की कंघी द्वारा कागज के छोटे – छोटे टुकडो को आकर्षित करना
8. चुम्बकीय बल किसे कहते है ?
उत्तर – चुम्बक के ध्रुवओ के बिच लगाने वाले बल को चुम्बकीय बल कहते है | जैसे – लोहे की कांटी को चुम्बक द्वारा आकर्षित करना
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9. गुरुत्व बल किसे कहते है ?
उत्तर – पृथ्वी किसी व्स्स्तु को अपने ओर जिस बल से खिचती है,, उसे गुरुत्व बल कहते है | जैसे – पेड़ की दाल से फुल टूटकर निचे गिरना
10. बल एक भौतिक राशि है,, कैसे ?
उत्तर – विभिन्न वस्तुओ को गतिशील अवस्था में लाने के लिए भिन्न – भिन्न बल लगाना पड़ता है |
जैसे – एक भारी बक्सा और एक खाली वक्सा को खिसकाने के लिए कम और अधिक बल लगाना पड़ता है,, जिससे स्पष्ट होता है,, की बल का परिमाण कम और अधिक होता है,, इसलिए बल एक भौतिक राशि है |
11. परिणामी बल किसे कहते है ?
उत्तर – किसी वस्तु पर लगने वाले वह अकेला बल जो उस वस्तु पर एक साथ क्रियाशील अनेक बलों के समान प्रभाव उत्पन्न करते है,, उसे हम परिणामी बल कहते है |
12. संतुलित बल किसे कहते है ?
उत्तर – जब किसी वस्तु पर एक साथ अनेक बल इस प्रकार क्रियाशील हो की उसका परिणाम बल शून्य हो तो ऐसे बलों को संतुलित बल कहते है | संतुलित बल स्थिर वस्तुओ को गति में नहीं ला सकता है,, गतिशील वस्तु ,में कोई परिवर्तन नहीं ला सकता है |
Bseb Class 9 Science Chapter 9 बल तथा गति के नियम
13. असंतुलित बल किसे कहते है ?
उत्तर – जब अनेक बल किसी वस्तु पर एक साथ क्रियाशील हो और उनका परिणामी बल शून्य ना हो तो ऐसे बलों को असंतुलित बल कहते है | असंतुलित बल स्थित वस्तु को गति में ला सकता है,, तथा वस्तु के गति की दिशा बदल सकता है |
14. न्यूटन के गति नियम को लिखे ?
उत्तर – न्यूटन के गति नियम निम्नलिखित है,, जो इस प्रकार से है –
क. न्यूटन के गति के प्रथम गति नियम :- प्रत्येक वस्तु अपनी विराम की आवस्था तथा गति की आवस्था तक बनाई रहती है,, जब तक उस पर कोई बाहरी बल कार्य ना करे |
ख. न्यूटन के गति के दूसरा गति नियम :- किसी असंतुलित बल द्वारा उत्पन्न किया गया त्वरण उस वस्तु पर आरोपित बल का सीधा समानुपाती होता है,, तथा उसे वस्तु के द्रव्यमान का व्युतकर्मा अनुपाती होता है,, त्वरण की दिशा बल की दिशा में होती है |
ग. न्यूटन के गति के तीसरा गति नियम :- अंग्रेज वैज्ञानिक सर आइजक न्यूटन महोदय ने 1686 ई. में अपनी पुस्तक प्रिसिपिया में गति सम्बन्धित 3 नियम दिए, प्रथम , दूसरा, तीसरा
* माना M द्रव्यमान की वस्तु पर जब असंतुलित बल F आरोपित किया जाता है,, तो त्वरण A उत्पन्न होता है,, इसलिए गति के नियम से A = F / M अतः किसी वस्तु पर आरोपित बल उस वस्तु के द्रव्यमान और उसमे उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है,, बल का S.I मात्रक kgm/s2 होता है |
घ. न्यूटन के गति का तीसरा नियम :- न्यूटन के गति के तृतीय नियम बताया है,, की डो वस्तुओ के क्रिया में पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है,, अर्थात क्रिया के बराबर विपरीत प्रति क्रिया होती है |
Bihar Board Class 9th Science bal tatha gati ke niyam
Bseb Class 9th Science जडत्व Question Answer
1. जड़त्व किसे कहते है ?
उत्तर – जड़त्व किसी वस्तु का वह संभाविक गुण है,, जिस गुण के कारण वह वस्तु एक समान गति की अवस्था बनाएं रखना चाहती है | उसे जड़त्व कहते है |
2. जड़त्व कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – जड़त्व मुख्यतः तीन प्रकार के होते है,, जो इस प्रकार से है –
क. गति जड़त्व :- गति जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है ! की वस्तु गति के आवस्था में है,, तो अपनी गति की अवस्था बनाए रखना चाहती है |
ख. विराम जड़त्व :- विराम जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है ! जिस गुण के कारण वस्तु विराम की अवस्था बनाए रखना चाहती है |
ग. दिशा जड़त्व :- दिशा जड़त्व किसी वस्तु का वह स्वाभाविक गुण है ! जिसके कारण दिशा की अवस्था बनाए रखना चाहती है |
3. संवेग किसे कहते है ?
उत्तर – किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग कहते है ! जिसे p द्वारा सूचित किया जाता है | जिसका S.I मात्रक kgm/s होता है,, p = mv संवेग एक संद्रिश राशि है |
4. आवेग किसे कहते है ?
उत्तर – किसी वस्तु पर आरोपित बल एवं बल के कार्य करने के समय के गुणनफल को आवेग कहते है ! अर्थात I = ft आवेग एक सदिश राशि है,, जिसका S.I मात्रक kgm/s होता है |
5. बस पर सवार व्यक्ति बस के एकाएक चल देने पर पीछे की ओर झुक जाता है ! क्यों ?
उत्तर – बस पर सवार व्यक्ति का पैर बीएस के सतह के सम्पूर्ण में रहता है ! जो बस के एकाएक चल देने पर बीएस के साथ गति में आ जाता है ! लेकिन शरीर का उपरी हिस्सा बिराम जड़त्व के कारण बिराम में ही बना रहता है ! फलतः वह पीछे की ओर झुक जाता है |
6. क्या कारण है ! की डंडे के प्रहार द्वारा कांटे या दरी की घुल झाडी जाती है ?
उत्तर – डंडे के प्रहार द्वारा ही कांटे या दरी की धुल झाडी जाती है ! क्योकि डंडे की प्रहार से डंडे के साथ – साथ दरी या कांटे भी गति में आ जाता है ! लेकिन विराम जड़त्व के कारण दरी में उपस्थित धुल – कण विराम की अवस्था बनाएँ रखना चाहते है ! फलतः वह गुरुत्व के अधीन निचे गिर जाते है |
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7. कांच की खडकी पर फेका गया पत्थर का दुकड़ा कांच को चूर – चूर कर देता है ! जबकि बंदूक से दागी गई गोली कांच में सिर्फ छोटे बनाकर दूसरी ओर निकल जाती है ?
उत्तर – कांच के खिड़की के जिस भाग पर गोली अति उच्च वेग से प्रहार करती है ! की वाही भाग गोली के सम्पूर्ण में बहुत कम समय के लिए रहता है ! जबकि कांच का शेष भाग विराम जड़त्व के कारण विराम में रहता है ! इसलिए दागी गई गोली एक छोटे छेद बनाकर दूसरी ओर निकल जाती है | ठीक इसके विपरीत पत्थर के दुकड़ा का वेग गोली के वेग के तुलना में बहुत कम होता है ! इसलिए पत्थर का टुकड़ा अधिक समय तक कांच के सम्पूर्ण में रहता है ! जिसके फलस्वरूप खिड़की की कांच गति में आ जाती है ! और चूर – चूर हो जाती है |
8. चलती हुई बस के अचानक रुकने पर बस में बैठा यात्री आगे की ओर झुक जाता है ! क्यों ?
उत्तर – यात्री के शरीर का निचला भाग जो बस की साथ के सम्पर्क में रहता है ! बस के रुकते ही विषम अवस्था में आ जाता है ! लेकिन गति जड़त्व के कारण शरीर का उपरी भाग गति में ही रहना चाहता है ! जिसके फलस्वरूप बस में बैठा यात्री आगे की ओर झुक जाता है |
9. चलती बस से बाहर कूदना खतरनाक है ! क्यों ?
उत्तर – चलती हुई बस के साथ – साथ उसमे सवार व्यक्ति भी गति की आवस्था में रहते है ! जब कोई बस से बाहर कूदता है,, तो उसके पैर जमीं पर घर्षण के कारण विराम में आ जाते है,, लेकिन शरीर का उपरी भाग गाति जड़त्व के कारण गतिशील अवस्था में ही बना रहता है,, जिसके फलस्वरूप वह बीएस की दिशा में ही आगे गिर जाता है ! और उसे घायल होने की संभावना बढ़ जाती है,, अतः चलती हुई बस से बाहर कूदना खतरनाक है |
10. बस की छत पर रखे समान को रस्सी से बांधा जाता है ! क्यों ?
उत्तर – जब बस गतिशील रहता है,, तो उसके छत पर रखा समान भी गतिशील रहता है,, गतिशील बस के अचानक रुकने से बस के छत पर रखा समान गति जड़त्व के कारण आगे बढ़ जाता है,, और समान के गिर जाने की सम्भवना बढ़ जाती है,, ठीक इसी प्रकार बस जब विराम अवस्था में रहता है,, तो उसके छत पर रखा समान भी विराम अवस्था में रहता है, जब बस अचानक चल पड़ती है,, तो विराम जड़त्व के कारण समान स्थित रहना चाहती है,, जिसके फलस्वरूप उसे पीछे गिर जाने की संभवना बढ़ जाति है,, अतः समान के गिरने से बचाने के लिए छत पर रखा समान को रस्सी से बाँधा जाता है |
11. घुमती हुई साइकिल के पहिया में लगा कीचड़ स्पष्टीय रूप से बाहर उड़ता है ! क्यों ?
उत्तर – दिशा जड़त्व के कारण पहिया में लगा कीचड़ पहिया की गति के दिशा में उड़ता है ! जिसके फलस्वरूप साइकिल के आगे या पीछे कीचड़ अन्य बाहनो पर या अन्य व्यक्ति पर उड़कर पड जाता है ! अतः इससे बचने के लिए मोटर गाड या कीचड़ रोधी का उपयोग किया जाता है |
12. जब एक पत्थर के टुकड़ा को रस्सी से बांधकर उसके चारो ओर घुमाया जाता है ! और आचानक रस्सी टूट जाति है ! तो पत्थर का टुकड़ा स्पर्शीय रूप से दूर भाग जाता है ! क्यों ?
उत्तर – वृतीय पथ पर घुमती हुई पत्थर के टुकडा की दिशा उसी पथ के किसी भी बिंदु पर स्पशीय होती है,, जैसे ही अचानक रस्सी टूटती है,, तो उस पर लगने वाला बल भी कार्य करना बंद कर देता है,, लेकिन दिशा जड़त्व के कारण वह पत्थर का टुकड़ा उसी स्पशीय दिशा में दूर भाग जाता है |
13. खिलाड़ी क्रिकेट बाँल कैच लेते समय अपना हाथ पीछे की ओर खिचता है ! क्यों ?
उत्तर – जब खिलाड़ी कैच लेता है ! तो बाँल से हाथो पर धक्का लगती है,, और बाँल का संवेग शून्य हो जाता है,, अंगुलियों के बिच बाँल आते ही हाथो को वह यदि पीछे हटाया है,, तो समय के परिवर्तन के समय अंतराल बढ़ जाता है ! अतः संवेग परिवर्तन की दर और हाथ पर लगाव बल कम हो जाता है,, जिसे वह सहन कर सकता है ! यदि वह बाँल को सीधे रोके तो हाथो पर बड़ा बल कार्य करेगा ! जिससे हाथो को काफी चोट लग सकती है ! इसी कारण क्रिकेटर बाँल को कैच लेते समय वह अपनी हाथो को पीछे की ओर खिचता है |
14. गाडियों में इस्पिरिंग का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर – उबड – खाबड़ सडक पर चलती हुई कार या बस में उत्पन्न धक्को को मंद करने के लिए स्पिरिंग का उपयोग किया जाता है |
15. कंचे फ़र्स की अपेक्षा पके फर्श पर कूदने में अधिक चोट लगती है ! इसका क्या कारण है ?
उत्तर – जब हम कंचे फर्श पर कूदते है,, तो फर्श कुछ निचे धसता है,, जिससे हमारे पैर फर्श को छूने के कुछ समय बाद स्थित हो जाता है ! जिससे संवेग परिवर्तन की दर घट जाती है ! अतः फर्श हमारे पैरो पर कम बल लगता है | ठीक इसके विपरीत पके फर्श पर कूदते ही हमारे पैर तुरंत ही स्थिर हो जाते है ! जिससे फर्श पैरो पर अधिक बल लगाता है,, जिसके कारण कंचे फर्श की अपेक्षा पके फर्श पर कूदने पर अधिक चोट लगती है |
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16. आदमी जमीन पर आसानी से कैसे चलता है ?
उत्तर – गति के तृतीय नियम के अनुसार जमीन पर चलते समय पैरो के द्वारा जमीन पर तिरछा क्रिया बल लगाया जाता है ! जिसके फलस्वरूप जमीन भी पैरो पर बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया बल लगाती है ! जिसके कारण मनुष्य जमीन पर आसानी से चल सकता है |
17. रौकेट या जेट विमान वायुमंडल रहित आकाश में कैसे चलता है ?
उत्तर – रौकेट में एक धन कक्ष होता है,, जिसमे निचे की ओर एक छिद्र होता है ! जब इंधन तेजी से जलता है,, तो गरम गैस के छिद्र से तेजी से पीछे की ओर निकलती है ! और रौकेट आगे की ओर बढ़ता है,, रौकेट द्वारा गैसों पर लगाया गया बल क्रिया बल होता है,, तथा इसके फलस्वरूप गैसों द्वारा रौकेट पर विपरीत दिशा में लगाया गया बल प्रतिक्रिया बल होता है ! इसी प्रतिक्रिया बल के कारण रौकेट आगे की ओर गति करता है |