Shram Vibhajan Aur Jaati Pratha Notes 2025 Bihar Board BSEB

Shram vibhajan aur jaati pratha question answer, Bseb Class 10 Hindi श्रम विभाजन और जाति प्रथा, श्रम विभाजन और जाति प्रथा pdf निबंध Subjective Class 10th Hindi Bihar Board

पाठ – 1 Shram vibhajan aur jati pratha notes
शीर्षक – श्रम विभाजन और जाति प्रथा ( निबंध )
लेखक – भीमराव अम्बेडकर
जन्म – 14 अप्रैल 1891 महू मध्यप्रदेश ( एक दलित परिवार में )
मृत्यु – दिसम्बर 1956 ई. दिल्ली

पढने के लिए – अमेरिका एवं इंग्लैंड गए स्वदेश में कुछ समय वाकाल्त भी की
जीवन की प्रमुख व्यक्ति प्रेरक – बुद्ध , कबीर , ज्योतिम्बा फुले

अन्य नाम – बाबा साहब, संविधान निर्माता, संविधान का जनक

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Facebook Group Join Now

प्रमुख रचनाएँ – द कास्ट्स इन इंडिया , देयर मैकेनिज्म , बुद्धा एंड हिज, एनिहिलेशन ऑफ कास्ट
इनका हिंदी रूपांतरण किसे किया – ललई सिंह यादव 1936
सम्पूर्ण वाड्मय – 21 खंडो में प्रकाशित है |

Shram vibhajan aur jaati pratha class 10 hindi bihar board

पाठ के साथ

1. लेखक किस बिडंबना की बात करते है | बिडंबना का स्वरूप क्या है ?

उत्तर – लेखक के लिए बिडम्बना की बात यह है | की इस आधुनिक युग में भी जातिवाद के पोषक की कमी नहीं है |

2. जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते है ?

उत्तर – जातिवाद के पोषक इस आधुनिक समाज में कार्यकुशलता के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानते है | और कहते है | की जाति-प्रथा भी श्रम विभाजन की ही दूसरा रूप है | इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है |

3. जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपतियां क्या है ?

उत्तर – जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की पहली आपत्ति यह है | की जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ – साथ लोगो का भी विभाजन करता है | श्रम विभाजन ही सभ्य समाज की आवश्यकता है | परंतु किसी सभ्य समाज में कार्य के साथ – साथ लोगो का भी विभाजन सही विभाजन नहीं है |

Bseb Class 10 Hindi श्रम विभाजन और जाति प्रथा Subjective

4. जाति प्रथा भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वभाविक रूप क्यों नहीं कही जा सकती है ?

उत्तर – भारत की जाति प्रथा की एक और विशेषता यह है | की यह श्रमिको का अस्वभाविक विभाजन ही नहीं करती,, बल्कि श्रमिको को एक दुसरे से उंच नीच को दर्शाता है | जो विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता है |

5. जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक मुख्य और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है ?

उत्तर – भारत में जाति प्रथा लोगो को कोई भी ऐसा कार्य नहीं चुनने देती है !! जो उनकी पूर्वजो ने नहीं किया हो,, लोग अपने पूर्वजो का ही कार्य चुनते है | जिसके कारण जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का प्रत्यक्ष और प्रमुख कारण बनी हुई है |

6. लेखक आज के उधोगो में गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या किसे मानते है | और क्यों ?

उत्तर – लेखक गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या जाति प्रथा को मानते है !! क्योकि जाति प्रथा लोगो का उनके स्वभाव के अनुसार कार्य चुनने की अनुमति नहीं देती है |

shram vibhajan aur jaati prtha question answer in hindi

7. लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओ से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा का रूप दिखाया है ?

उत्तर – इस पाठ में लेखक ने कई पहलुओ से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में बताया है ! जिसमे आर्थिक और रचनात्मक पहलू सबसे मुख्य है |

8. सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने किन विशेषताओं को आवश्यक माना है ?

उत्तर – लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने लोगो के बिच दूध और पानी के मिश्रण जैसा भाईचारो को आवश्यक माना है |

Leave a Comment